प्रयोग शब्द अपने आप में बहुत कुछ समेटे हुए है। इसी शब्द के माध्यम से विश्व को अनेक नए आयाम देखने को मिले। वह प्रयोग ही था जब हमने पोखरण फतह किया, वह प्रयोग ही था जब मनुष्य चांद पर गया, वह प्रयोग ही था जब एडिशन नौकरानी को कीड़ों का बना आमलेट खिला रहा था। इन सभी प्रयोगों को यदि ध्यान में रखकर किसी से पूछा जाए तो वह सफल ही कहेगा, भले ही पोखरण जैसे प्रयोगों से कितने ही इंसानों का जीवन खतरे में पड़ गया हो,भले ही एडिशन की नौकरानी बीमार पड़ गई हो। आज जब भारतीय प्रशासन में नए प्रयोग की बात कही जा रही है तो कई विद्वान इसको भी भारत के लिए सही कदम बता रहे हैं परंतु क्या वास्तव में यह प्रयोग भी पोखरण के प्रयोग की तरह अपनी कमियों को छुपा पाएगा ? यह भी एक पहेली है। दरसल केंद्र सरकार नौकरशाही को लेकर एक अहम प्रयोग करने जा रही है। इस प्रयोग के जरिए लैटेरल एंट्री के माध्यम से भी लोग उच्च प्रशासनिक सेवा में जा स...
एक बेहतर नज़रिये के साथ..... सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक लेख से परिपूर्ण।।