सेबी का गठन संसद में पारित कानून के तहत हुआ है और शेयर और प्रतिभूति बाजार से जुड़े मसलों के नियमन के लिए यह संस्था उत्तरदाई है। सेबी पर शेयर मार्केट के नियमन के साथ ही निवेशकों के हितों की रक्षा का भी दायित्व है। इसी दायित्व के तहत सेबी ने 10 फरवरी 2010 को निवेशकों को सतर्क करने के लिए कुछ हिदायतें जारी की थी। सेबी ने कहा है कि हाल के दिनों में निवेश सलाह देने वाली वेबसाइटों की बाढ़ आई है। सभी का मानना है कि वेब, टीवी या प्रिंट माध्यमों के जरिए दिए जा रहे इंट्राडे, शार्ट टर्म, लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग टिप्स के हिसाब से सौदा करना खतरनाक हो सकता है। सेबी ने यह बातें 2010 में की थी और आप अंदाजा लगाइए कि 2015 में जिओ के लॉन्च के बाद किस प्रकार से इसकी बाढ़ आ गई होगी इस समय। यानी कि 2010 के मुकाबले कहीं ज्यादा इस समय सतर्क रहने की जरूरत है। इस प्रकार बाजार की अफवाहों या अपुष्ट या अविश्वसनीय श्रोतों से आए समाचारों के आधार पर निवेश ना करें, ना ही भविष्यफल के आधार पर निवेश के फैसले करें। सेबी की राय है कि निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए और समझना चाहिए कि अखबारों या च
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