आर्थिक नीतियों के बदलाव के पश्चात बैंकिंग प्रणाली कहीं ना कहीं हमारे लिए अति आवश्यक हो गई है। इसी बैंकिंग प्रणाली को लेकर तब कई सारे प्रश्न दिमाक में उठते हैं जब किसी खाता धारक की मृत्यु हो जाती है। जैसे मृत्यु के पश्चात बैंक खाते का क्या होता है ? क्या पैसा बैंक का हो जाता है? क्या बैंक उस पैसे को व्यक्ति के परिवार के किसी सदस्य को दे देता है? या फिर उसको किसी फंड में जमा कर दिया जाता है? दरअसल यह पैसा उसी अकाउंट में पड़ा रहता है और एक लंबे समय अंतराल के पश्चात ऐसे अकाउंट को निष्क्रिय घोषित कर दिया जाता है। कुछ दिन पहले भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट सामने आई जिसके अनुसार बैंकों में हजारों करोड़ रुपए ऐसे पड़े हैं जिनका कोई दावेदार ही नहीं है। ऐसा उन स्थितियों में होता है जब किसी खाता धारक की मृत्यु हो जाती है या फिर किसी के बहुत से बैंकों में खाते होते हैं। मौत होने की स्थिति में नॉमिनी पैसों के लिए दावा तो कर सकता है लेकिन कई बार नॉमिनी को खाते के बारे में जानकारी ही नहीं होती है। और यदि जानकारी होती भी है तो कुछ दस्तावेजों की कमी के वजह से भी दावा नहीं हो पाता है।भारतीय रिज...
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