आर्थिक नीतियों के बदलाव के पश्चात बैंकिंग प्रणाली कहीं ना कहीं हमारे लिए अति आवश्यक हो गई है। इसी बैंकिंग प्रणाली को लेकर तब कई सारे प्रश्न दिमाक में उठते हैं जब किसी खाता धारक की मृत्यु हो जाती है। जैसे मृत्यु के पश्चात बैंक खाते का क्या होता है ? क्या पैसा बैंक का हो जाता है? क्या बैंक उस पैसे को व्यक्ति के परिवार के किसी सदस्य को दे देता है? या फिर उसको किसी फंड में जमा कर दिया जाता है? दरअसल यह पैसा उसी अकाउंट में पड़ा रहता है और एक लंबे समय अंतराल के पश्चात ऐसे अकाउंट को निष्क्रिय घोषित कर दिया जाता है। कुछ दिन पहले भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट सामने आई जिसके अनुसार बैंकों में हजारों करोड़ रुपए ऐसे पड़े हैं जिनका कोई दावेदार ही नहीं है। ऐसा उन स्थितियों में होता है जब किसी खाता धारक की मृत्यु हो जाती है या फिर किसी के बहुत से बैंकों में खाते होते हैं। मौत होने की स्थिति में नॉमिनी पैसों के लिए दावा तो कर सकता है लेकिन कई बार नॉमिनी को खाते के बारे में जानकारी ही नहीं होती है। और यदि जानकारी होती भी है तो कुछ दस्तावेजों की कमी के वजह से भी दावा नहीं हो पाता है।भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से ऐसे खातों की जानकारी मांगी थी जिसमें पिछले 10 सालों में कोई लेन-देन ना हुआ हो। इन बैंकों की जानकारी देने के पश्चात रिजर्व बैंक ने एक रिपोर्ट तैयार की जिसके अनुसार देश के 64 बैंकों के तीन करोड़ से भी अधिक खातों में लगभग 11 हजार करोड़ रुपए ऐसा जमा है जिसका कोई दावेदार ही नहीं है। मतलब जितना पैसा नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनियों ने लूटा उतना अब भी बिना किसी दावे के साथ बैंकों में जमा है।
अब अगर ऐसी स्थिति आ गई है कि आपके या आपके किसी परिजन के पैसे भी इसी तरह फंसे पड़े हैं तो आप उन पैसों पर अपना दावा कर सकते हैं लेकिन इसके लिए कुछ प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी। सबसे पहले क्लेम करने वाले शख्स को उस बैंक की वेबसाइट पर जाना होगा जिसमें खाता है। यहां पर आपको इनएक्टिव अकाउंट की लिस्ट देखनी होगी। इस स्थिति से आप अकाउंट होल्डर की केवल प्राइमरी जानकारी ही ले सकते हैं जिसके लिए उसकी पहचान से जुड़े कुछ दस्तावेजों की जरूरत होगी। इसके पश्चात यदि आप खाते के लिए क्लेम कर रहे हैं तो आपको अपने नजदीकी बैंक ब्रांच में जाना होगा। वहां पर आपको अनक्लेम्ड डिपाजिट क्लेम फॉर्म भरकर जमा करना होगा। अगर आप उत्तराधिकारी के तौर पर क्लेम कर रहे हैं तो भी आपको यही प्रक्रिया करनी होगी। यदि खाता धारक की मौत हो चुकी है और उसके बाद आप उसके खाते पर दावा करते हैं तो आपको फॉर्म के साथ खाता धारक का मृत्यु प्रमाण पत्र भी लगाना जरूरी होगा। इसके बाद बैंक आपके दावे की जांच करेगा। और यदि बैंक आपके दावे को सही पाता है तो वह आपको खाते में ट्रांजैक्शन करने की इजाजत दे देगा।यदि क्लेम कानूनी उत्तराधिकारी करता है तो बैंक के क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को पूरा करना होगा जो बैंक आपको बता देगा। इस पूरी प्रक्रिया के पश्चात आप खाता धारक का बैंक अकाउंट स्वयं संचालित भी कर सकते हैं साथ ही साथ उसको अपने खाते के साथ लिंक भी कर सकते हैं।
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उपयोगी जानकारी साझा करने के लिए आपका धन्यवाद।
ReplyDeleteआपका आभार रविन्दर जी
ReplyDeleteNarendra mishra
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