2019 के चुनाव में भले ही थोड़ा समय हो लेकिन उसकी आहट ने पार्टियों से लेकर नेताओं को जगा तो दिया ही है। भले ही 2014 के बाद हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार ना मिला हो लेकिन आने वाले चुनाव को देखकर ऐसा लग रहा है कि नेताओं को तो कम से क म एक बढ़िया रोजगार मिल ही गया है। यही नहीं माननीय नेता जी के साथ-साथ उन युवाओं को भी दिहाड़ी मजदूरी मिल ही जाएगी जो तैयार बैठे हैं नेता जी की रैली में जाने के लिए। इस रैली में जाने के लिए युवा फेसबुक से लेकर व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में काफी तैयारी भी कर चुके हैं। पिछले दिनों राहुल जी के मंदिर प्रवेश को लेकर इतनी गहन चर्चाएं हुईं इन यूनिवर्सिटीज में कि ऐसा लगा मानो दुनिया का सबसे बड़ा वाद-संवाद यहीं हो रहा हो और यह सबसे बड़ा मुद्दा भी हो। photo;pti इस गहन चर्चा का संवाद यह निकला कि राहुल गांधी को भी प्रूफ करना पड़ा कि भाई हम भी हिंदू ही हैं भले ही थोड़े उदारवादी ही सही। इसको लेकर राहुल गांधी इतने गंभीर हो गए कि उनको मानसरोवर की यात्रा भी करनी पड़ी। अब ऐसी ही कुछ गहन चर्चा मोदी जी के मस्जिद प्रवेश पर भी हो रही है। यदि आपको पता नहीं कि मोदी जी ...
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