Skip to main content

Posts

बिजनेस पत्रकारिता: धंधे की खबरों के साथ

                               सेबी का गठन संसद में पारित कानून के तहत हुआ है और शेयर और प्रतिभूति बाजार से जुड़े मसलों के नियमन के लिए यह संस्था उत्तरदाई है। सेबी पर शेयर मा...
Recent posts

विज्ञापन: डिस्काउंट के साथ प्राइस टैग

           उदारीकरण के बाद या यूं कहें हमेशा से ही विज्ञापन का गहरा असर रहा है। बस आपके पास दर्शक होने चाहिए विज्ञापन तो चल कर आने लगता है। और शायद यही कारण है कि ज्यादा दर्शक ...

मंदी की मार और मीडिया के लिए मौका

                                     क्या यह सिर्फ संयोग है कि राजनीतिक पेड न्यूज और पैकेज पत्रकारिता का सबसे विकराल रूप देश ने 2014 में देखा। 2019 का साल 2014 से कहीं ज्यादा खतरनाक साबित हुआ है लेकिन अभी इसके आंकड़े उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। शायद 2019 पैकेज पत्रकारिता में सारे रिकॉर्ड तोड़ने वाला साल बन गया है। देश की राजनीति के लिहाज से यह साल महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल एनडीए सरकार ने अपने 5 साल पूरे किए और इसके बाद फिर से लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल कर पाई है। भारत की सामरिक और विदेश नीति में यह एक नए दौर की शुरुआत भी है क्योंकि विदेश नीति इससे पहले अमेरिका के पक्ष में इस कदर झुकी हुई कभी नहीं थी। आर्थिक नीति के क्षेत्र में माना गया है कि बहुमत की  सरकार के लिए उदारीकरण के रास्ते पर तेज दौड़ने में अब कोई बाधा नहीं होगी। या राजनीतिक उथल-पुथल एक तरीके से बाजार वादी आर्थिक नीतियों की भी जीत है। 2009 से 2019...

पेड न्यूज़:कागज की कश्ती में

              पेड़ न्यूज़: कागज की कश्ती में वर्ष 2009, 2014 व 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जिस तरह मीडिया कर्मी और अखबारों और चैनलों के विज्ञापन विभाग के लोग रेट लिस्ट लेकर पार्ट...

खबरों की लगती बोली

                  खबरों की लगती बोली                  चुनाव में मीडिया प्रबंधन कोई आज की बात नहीं है। चुनाव में माहौल बनाने के उपकरण के तौर पर मीडिया में अनुकूल खबरें छपवान...