हीरे की तमन्ना लिए लोग ना जाने कितना चिंतन कर डालते होंगे क्योंकि हीरे की कुछ पहचान ही ऐसी है। कहते हैं कि हीरा अर्श से फर्श पर फेंकने में भी देरी नहीं करता। यह बात भले ही असहज लगे पर इतिहास के पन्नों में हीरा सबसे खतरनाक खलनायक रहा है। कल तक नीरव मोदी और मेहुल चोकसी हीरे का पर्याय हुआ करते थे परंतु आज उसी हीरे ने दोनों को कोयले के खान में झोंक दिया है। ऐश्वर्या और समृद्धि के लिए विख्यात हीरा एक पारदर्शी रत्न है। यह है तो सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ परंतु नाजुक दिलों को चुटकी में लूट लेता है। ऐतिहासिक परिपेक्ष्य में बात की जाए तो इसी हीरे के अनेक दीवाने हुए और उसी दीवानगी में सब कुछ लुटा गए। विश्व का नूर माना जाने वाला कोहिनूर लंदन से लेकर लखनऊ की छोटी छोटी गलियों में विख्यात है।शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जो कोहिनूर को पाना ना चाहेगा। परंतु कोहिनूर का इतिहास इसे बेनूरियत रूपी कुर्ता पहना देता है। दरसल कोहिनूर जहां कहीं भी गया वहां के लोगों का दिल तो अवश्य लूटा परंतु साथ में दिल वालों को भी सदा के लिए लूट लिया। कोहिनूर ने जितना ज्यादा सफर किया उतना ही ज्यादा दुनिया को तबाह भी किया। यह जहां-जहां गया वहां की हुकूमत सदा के लिए मिट्टी के नीचे दब गई। हुकूमत को मिटाने के लिए केवल कोहिनूर ही नहीं बल्कि अन्य प्रसिद्ध हीरों ने भी बखूबी जिम्मेदारी निभाई। इन हीरों को हासिल करने के लिए लाखों जानें कुर्बान हुईं।
शाहजहां का काल भला कौन भूल सकता है। इनके समय में भी एक 787 कैरेट का सबसे बड़ा हीरा ग्रेट मुग़ल गोलकुंडा की खान से निकाला गया था, जो कोहिनूर से भी बड़ा था। इसने मुगलकाल को ऐसा आघात पहुंचाया कि शाहजहां को इसके चक्कर में जेल में सड़ना पड़ा। इसी प्रकार अहमदाबाद डायमंड नाम का हीरा भी अत्यंत महत्वपूर्ण था। यह पहले ग्वालियर के राजा विक्रमजीत के पास था जो बाबर द्वारा 1526 के युद्ध में हराकर प्राप्त किया गया। और यही हीरा बाबर की मृत्यु का कारण बना क्योंकि इसको प्राप्त करने के पश्चात मात्र 4 साल में बाबर की मृत्यु हो गई। इसके अतिरिक्त ऐतिहासिक परिपेक्ष्य में यदि सबसे ज्यादा किसी की कहानी भयभीत करती है तो वह है नेपोलियन की। दरसल द रिजेंट नाम का एक हीरा गोलकुंडा की खान से प्राप्त हुआ जो 410 कैरेट का था। और एक तिहाई बचने के बाद यह नेपोलियन के पास पहुंचा जब यह 140 कैरेट का था। इसी हीरे को प्राप्त करने के पश्चात नेपोलियन ने 1215 में वाटरलू का युद्ध लड़ा, जिसमें दुनिया को जीतने वाला नेपोलियन खाक हो गया। वर्तमान में भी हीरा अपना वर्चस्व कायम किए हुए है। पश्चिमी देशों में होने वाली शादियों के लिए हीरा आकर्षण का केंद्र रहता है परंतु यह जगजाहिर है कि वैवाहिक संबंध पूर्वी देशों की अपेक्षा यहां कम सफल होते हैं। जाहिर है कि आज की वैज्ञानिक दुनिया में शायद ही कोई ऐतिहासिक परिपेक्ष्य को ध्यान में रखकर अंधविश्वासी प्रवृत्ति पर अपना समय बर्बाद करेगा परंतु कहीं ना कहीं हीरे की अनेक कहानियां हमारे मस्तिष्क पर असर अवश्य छोड़ जाती हैं।
शाहजहां का काल भला कौन भूल सकता है। इनके समय में भी एक 787 कैरेट का सबसे बड़ा हीरा ग्रेट मुग़ल गोलकुंडा की खान से निकाला गया था, जो कोहिनूर से भी बड़ा था। इसने मुगलकाल को ऐसा आघात पहुंचाया कि शाहजहां को इसके चक्कर में जेल में सड़ना पड़ा। इसी प्रकार अहमदाबाद डायमंड नाम का हीरा भी अत्यंत महत्वपूर्ण था। यह पहले ग्वालियर के राजा विक्रमजीत के पास था जो बाबर द्वारा 1526 के युद्ध में हराकर प्राप्त किया गया। और यही हीरा बाबर की मृत्यु का कारण बना क्योंकि इसको प्राप्त करने के पश्चात मात्र 4 साल में बाबर की मृत्यु हो गई। इसके अतिरिक्त ऐतिहासिक परिपेक्ष्य में यदि सबसे ज्यादा किसी की कहानी भयभीत करती है तो वह है नेपोलियन की। दरसल द रिजेंट नाम का एक हीरा गोलकुंडा की खान से प्राप्त हुआ जो 410 कैरेट का था। और एक तिहाई बचने के बाद यह नेपोलियन के पास पहुंचा जब यह 140 कैरेट का था। इसी हीरे को प्राप्त करने के पश्चात नेपोलियन ने 1215 में वाटरलू का युद्ध लड़ा, जिसमें दुनिया को जीतने वाला नेपोलियन खाक हो गया। वर्तमान में भी हीरा अपना वर्चस्व कायम किए हुए है। पश्चिमी देशों में होने वाली शादियों के लिए हीरा आकर्षण का केंद्र रहता है परंतु यह जगजाहिर है कि वैवाहिक संबंध पूर्वी देशों की अपेक्षा यहां कम सफल होते हैं। जाहिर है कि आज की वैज्ञानिक दुनिया में शायद ही कोई ऐतिहासिक परिपेक्ष्य को ध्यान में रखकर अंधविश्वासी प्रवृत्ति पर अपना समय बर्बाद करेगा परंतु कहीं ना कहीं हीरे की अनेक कहानियां हमारे मस्तिष्क पर असर अवश्य छोड़ जाती हैं।
प्रिय सलमान यद्यपि मुझे हीरे में या इससे जुडी किसी भी जानकारी कमे तनिक रूचि नहीं | फिर भी आपने जो लिखा बहुत रोचक है वह हीरा किस कामका जो खाने के काम नहीं आता बस लुभाता है उसके लिए ना जाने क्यों लोग जान गवां बैठते हैं |सदियों से इसके प्रति आकर्षण से ना राजा बच पाए हैं ना कोई आम आदमी आपने सचमुच बहुत ही बेहतरीन जानकारी जुटाई विषय पर | आपको हार्दिक शुभकामनाये |
ReplyDeleteरेणु जी आपका बहुत बहुत आभार।।
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